"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं,
मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
मंगलवार, 14 जुलाई 2020
रसीदी टिकट....
उसकी हरेक धड़कन सुनता गया और उसकी हथेली पर रसीदी टिकट रखकर दस्तख़त कर दिया।
मैंने हाल ही में ब्लॉगर ज्वाइन किया है आपसे निवेदन है कि आप मेरे ब्लॉग में आए उन्हें पढ़े aour मुझे सही दिशा निर्देश दे https://shrikrishna444.blogspot.com/?m=1 धन्यDhny
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंइस बेहतरीन लिखावट के लिए हृदय से आभार Appsguruji(जाने हिंदी में ढेरो mobile apps और internet से जुडी जानकारी )
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंमैंने हाल ही में ब्लॉगर ज्वाइन किया है आपसे निवेदन है कि आप मेरे ब्लॉग में आए उन्हें पढ़े aour मुझे सही दिशा निर्देश दे
https://shrikrishna444.blogspot.com/?m=1
धन्यDhny