"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं,
मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
गुरुवार, 23 मई 2013
...बस संजो लिया ...................."
कहीं पर लिखा हुआ पड़ा था । पढ़ा , सच सा लगा , संजोने का मन किया तो ब्लॉग पोस्ट बना दिया ।
आपने लिखा....हमने पढ़ा और लोग भी पढ़ें; इसलिए कल 25/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी देख लीजिएगा एक नज़र .... धन्यवाद!
अच्छा संकलन है।
जवाब देंहटाएंहिंदी का ब्लॉग- अंग्रेजी कोटेशन!
बहुत उम्दा ,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: जनता सबक सिखायेगी...
nice...
जवाब देंहटाएंआज की सच्चाई ।
जवाब देंहटाएंसही है :) , अनूप जी की टिप्पणी भी मजेदार :).
जवाब देंहटाएंबहुत खूब | लाजवाब अभिव्यक्ति | सत्य वचन | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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सही है .
जवाब देंहटाएंबुद्द पूर्णिमा की हार्दिक शुभ कामनाएँ !
जवाब देंहटाएंआपने लिखा....हमने पढ़ा
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 25/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
बढ़िया....
जवाब देंहटाएंवाकई संजोने लायक....
सादर
अनु
सही बात.... :-)
जवाब देंहटाएं~सादर!!!
जवाब देंहटाएंबड़ा घर
दस कमरे
पर रहने वाले
बस तीन
फिर भी वो
खुश नहीं |
छोटा घर
कमरे दो
रहने वाले दस
फिर भी उस घर
प्यार की बरसात हुई
बहुत ||.......अंजु
बिलकुल सच है... बेहतरीन.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंसच है, यही द्वन्द्व है।
जवाब देंहटाएंView present free on line 우리카지노 casino wager offers here and free sports wager offers here
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