सोमवार, 1 दिसंबर 2025

पोका योके (poka-yoke )

 पोका योके (poka-yoke )

जापानी शब्द है यह। मैन्युफैक्चरिंग डिज़ाइन और आपरेशन में यह तकनीक प्रयोग की जाती है।

इसका उद्देश्य यह होता है कि गलती से भी गलती न हो।

उदाहरण के तौर पर मोबाइल में सिम का कोना और सिम ट्रे का कोना थोड़ा सा तिरछा कटा हुआ होता है। जिससे कभी कोई गलती से भी सिम लगाने में गलती नही करेगा। 

USB पोर्ट की डिज़ाइन भी ऐसी होती कि गलत सिरा कनेक्ट न हो जाये।

असेम्बली लाइन में कोई कम्पोनेन्ट मिस हो रहा हो तो असेंबली लाइन स्वतः रुक जाती है।

रेलवे फाटक पहले बन्द करते हैं फिर उस फाटक बंद करने वाली मशीन से चाभी निकाल कर तब सिग्नल डाउन कर पाते हैं। बिना फाटक बंद किये वो चाभी बाहर निकलती ही नही है।

बच्चों के खिलौनों में यह बहुधा प्रयोग होता जिन खिलौनों में अलग अलग पार्ट्स को जोड़ कर कुछ बनाना होता है।

फाउंड्री में डोवेल पिन भी यही काम करती है।

ऐसे तमाम उदाहरण है पोका योके के।

मंगलवार, 14 जनवरी 2025

खिचड़ी।

यूँ तो खाने के 56 प्रकार के व्यंजन होते हैं ,जिन्हें बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की आवश्यकता होती है। परंतु ये व्यंजन सभी वर्ग के लोगों को सहजता से उपलब्ध भी नही होते।

दाल और चावल तो मूल भोज्य पदार्थ है जिसे समाज का प्रत्येक वर्ग उपभोग करता है।

शायद धर्म मे ऐसी व्यवस्था की गई है जिनके पालन से समाज के सभी वर्ग के लोग आपस मे एक जुड़ाव महसूस कर सके। 

खिचड़ी एक अत्यंत साधारण भोजन है जिसे कम से कम इस एक दिन तो सभी लोग खाते है, रुचि से न सही धर्म से ही सही।

एक जैसा भोजन कही न कहीं समाज के वर्गों के अंतर को समाप्त करने का संदेश तो अवश्य देता है।

(स्कूल में बच्चे एक दूसरे का टिफिन देख कर  समाज के इस अंतर को खूब समझते हैं और जब कभी उनका कोई अमीर दोस्त उसके जैसा लाया ही टिफिन ले आता है तो उस दिन उसे वह टिफिन बहुत भाता है और वह दोस्त भी। स्कूल में यूनिफॉर्म की भांति ही सबका टिफिन भी एक सा लाने का नियम और पाबंदी होनी चाहिए।)


खिचड़ी की शुभकामनाएं। 😊