"बस यूँ ही " .......अमित
"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं, मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024
मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023
मंगलवार, 4 जुलाई 2023
रविवार, 16 अप्रैल 2023
शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023
रविवार, 11 दिसंबर 2022