tag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post7620300263817661210..comments2024-02-17T14:31:07.181+05:30Comments on "बस यूँ ही " .......अमित: " एक बहुत अच्छा प्लान है ,सर , वह बोली ....."amit kumar srivastavahttp://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-22098776199181527342014-03-12T13:49:18.453+05:302014-03-12T13:49:18.453+05:30बिल्कुल सही पंक्ति लिखी है, आपने............बिल्कुल सही पंक्ति लिखी है, आपने............ruchihttps://www.blogger.com/profile/10723412771990568856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-69364489470478597562012-08-28T15:14:29.360+05:302012-08-28T15:14:29.360+05:30sach baat hai ye company apni skeem bachne ke liye...sach baat hai ye company apni skeem bachne ke liye ke liye kuch bhi kar sakti hai garimahttps://www.blogger.com/profile/12352547741805450575noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-76333428280727273682012-08-23T13:26:24.701+05:302012-08-23T13:26:24.701+05:30:):):)
PRANAM.:):):)<br /><br /><br />PRANAM.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-39517658937797077032012-08-23T12:02:51.545+05:302012-08-23T12:02:51.545+05:30very good thoughts.....
मेरे ब्लॉग
जीवन विचार पर ...very good thoughts.....<br />मेरे ब्लॉग<br /><a href="http://jeevanvichaar.blogspot.com" rel="nofollow"><br />जीवन विचार</a> पर आपका हार्दिक स्वागत है।<br />Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-17856894283855292342012-08-23T07:53:17.401+05:302012-08-23T07:53:17.401+05:30अफ़सोस होता है इन लोगों के प्लान बेचने के काम को दे...अफ़सोस होता है इन लोगों के प्लान बेचने के काम को देखकर! कितना झेलना होता है इनलोगों को!<br />लेकिन एक बात समझ में नहीं आयी कि घर में क्यों नहीं टोंका गया तुमको कि प्लान मना करने के लिये दफ़्तर में चाय-पानी कराना क्या जरूरी था? इस बात को देखा जाना चाहिये भाई! अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-58174825104472082282012-08-22T19:00:29.870+05:302012-08-22T19:00:29.870+05:30अब तो अपन सुनते ही कह देते हैं "नो आई एम नोट ...अब तो अपन सुनते ही कह देते हैं "नो आई एम नोट इन्टरेस्टेड" :)<br />और अपना महत्वपूर्ण समय बचा लेते हैं ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-60467591781468388212012-08-22T17:48:37.510+05:302012-08-22T17:48:37.510+05:30बढिया पोस्ट है। ऐसे वाकए होते रहते हैं। बढिया पोस्ट है। ऐसे वाकए होते रहते हैं। ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-72001819045532011842012-08-21T19:37:13.528+05:302012-08-21T19:37:13.528+05:30सत्य कथा .
हालाँकि बिना बात, बात का बतंगड़ बन गय...सत्य कथा . <br />हालाँकि बिना बात, बात का बतंगड़ बन गया . <br />इस तरह के फोन हमारे पास भी अक्सर आते हैं . सरकारी अफसर हैं ना . सुनकर बेदर्दी और बेहयाई से ना कहना पड़ता है . <br />यहाँ सॉफ्ट कॉर्नर दिखाया और समझो फंस गए . <br /><br />अनु जी से सहमत . <br />वाणी जी भी कुछ हद तक सही कह रही हैं . डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-85221447201513168142012-08-20T18:11:52.332+05:302012-08-20T18:11:52.332+05:30जब क़ोई हर बार एक से ही शब्दों का प्रयोग करता हैं ...जब क़ोई हर बार एक से ही शब्दों का प्रयोग करता हैं तो उसकी मंशा एक ही रहती हैं ये एक मनोवैज्ञानिक का कथन हैं Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-63596602647190070402012-08-20T18:09:41.386+05:302012-08-20T18:09:41.386+05:30
कभी कभी शब्द संरचना केवल वर्ड प्ले होते हैं उनका ...<br />कभी कभी शब्द संरचना केवल वर्ड प्ले होते हैं उनका कोई सुचिंतित अर्थ नहीं होता ...<br />मगर विरोध से वे अर्थ गाम्भीर्य ग्रहण कर लेते हैं :-) <br />भाषा विज्ञानी या शब्द विज्ञानी,वैयाकरण (फिलोलाजिस्ट) इस से सहमति व्यक्त करेगें! <br />शब्दों को उनके परिप्रेक्ष्य और मनोभाव से पृथक नहीं देखा जाना चाहिए .....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-57182813505377398802012-08-20T17:57:18.297+05:302012-08-20T17:57:18.297+05:30http://indianwomanhasarrived.blogspot.in/2010/06/b...http://indianwomanhasarrived.blogspot.in/2010/06/blog-post_20.htmlAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-67846634935955968802012-08-20T17:55:18.130+05:302012-08-20T17:55:18.130+05:30http://chitthacharcha.blogspot.in/2012/07/blog-pos...http://chitthacharcha.blogspot.in/2012/07/blog-post_13.html<br /><br />वहा पर इनकी टिप्पणी देखीये<br />Arvind MishraJuly 13, 2012 8:55 AM<br /><br />ये घटनाये पूरे समाज का आईना नहीं दिखाती<br />मगर इनकी मीडियाई प्रस्तुति ऐसा ही दिखाती है<br />जैसे सारा भारतीय समाज ऐसा ही हो उठा हो ..<br />आपने भी बहती गंगा में आचमन कर लिया<br />और एक शेर की पिटी पिटाई लाईन यहाँ<br />झोक दी -कुछ लोगों की भावनाओं को दुलराने के लिए<br />पूरे संदर्भ को देखा जाना चाहिए -<br />और मौका हो ,उद्दीपन हो तो कई "सभ्य" के दिलों<br />में धड़कता वन मानुष उठ खड़ा होगा -<br />पुलिस व्यवस्था .कमीने पत्रकार जिम्मेदार हैं और इसे चाशनी बनाकर<br />प्रस्तुत करने वाले लोग<br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-77709573228404464492012-08-20T17:50:51.151+05:302012-08-20T17:50:51.151+05:30आदरणीया रश्मि जी , रचना जी एवं आदरणीय राजेश जी , म...आदरणीया रश्मि जी , रचना जी एवं आदरणीय राजेश जी , मैं स्वयं स्त्रियों का बहुत सम्मान करता हूँ | उनके विषय में अगर कभी कुछ लिखा भी है तब सदैव शालीन एवं संयत भाषा का ही प्रयोग किया है | आदरणीय मिश्र जी की टिप्पणी की प्रति टिप्पणी के रूप में मैंने विनोद स्वरूप यह लिख दिया था कि ज़रा मेरा नंबर भी उन तक पहुंचा दें | शायद ऐसा लगा रचना जी को कि मैं उनकी मनोवृत्ति को बढ़ावा दे रहा हूँ | उनके आपत्ति करते ही मैंने अपनी प्रति टिप्पणी हटा ली | जहां तक प्रश्न मिश्र जी की टिप्पणी हटाने का है , वे एक लम्बे अरसे से लेखन कर रहे हैं | वे स्वयं भी संजीदा इंसान है | उनका भाव किसी को आहत करने का नहीं रहा होगा | हाँ ! अगर कोई फूहड़ या स्तरहीन विनोद या व्यंग करता है तब तो यह उसकी मानसिकता और दायरा हुआ | हमें उसे इग्नोर ही करना चाहिए | महत्त्व देकर महत्व नहीं बढ़ाना चाहिए | मेरी पत्नी भी महिला ब्लागर ही हैं | मुझे उन सबके मान मर्यादा और सम्मान का पूरा ख्याल है |<br />फिर भी मैंने आप लोगों की भावनाओं से आदरणीय मिश्र जी को अवगत कराया और उनके उत्तर को भी मैं यहाँ पेस्ट कर दे रहा हूँ :- " <br /> <br />DrArvind Mishra<br />अमित जी ,<br />मैंने सहज मनोविनोद में वह टिप्पणी की थी -आप स्वयं प्रबुद्ध हैं -मुझे लगता है आपको अपने को निरपेक्ष रखना चाहिए ....फिर भी आप स्वतंत्र है अपना निर्णय ले सकते हैं ....<br />amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-51303154745014685752012-08-20T16:21:05.390+05:302012-08-20T16:21:05.390+05:30आपति -आपत्ति आपति -आपत्ति rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-54174304954047184312012-08-20T15:56:09.296+05:302012-08-20T15:56:09.296+05:30महिला ब्लॉगर्स के लिए 'ये ब्लॉग वालियां ' ...महिला ब्लॉगर्स के लिए 'ये ब्लॉग वालियां ' के संबोधन पर घोर आपत्ति है.<br />भले ही अभिन्न महिला ब्लॉगर मित्रों के लिए ही क्यूँ ना किया गया हो...पर इस तरह की भाषा अशोभनीय है.<br />आशा है वे लोग भी इसे पढ़ेंगी...और अपने लिए इस तरह के संबोधन प्रयुक्त करने पर एतराज जताएंगी.<br /><br />किसी पुराने ब्लॉगर को इस तरह के cheap gimmick शोभा नहीं देते. टिप्पणी में कोई सार हो तो लोग खुद ही पढेंगे...<br />ये सब ध्यान आकृष्ट (attention seeker ) करने की हरकतें हैं . इसीलिए मैने पहले इग्नोर करना ही बेहतर समझा था...पर रचना जी की सलाह पर लगा..आपति दर्ज करा देनी चाहिए.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-35189081626982775742012-08-20T13:44:25.742+05:302012-08-20T13:44:25.742+05:30मोबाईल के ज़माने में तो ये कॉल कभी भी कहीं भी आ सक...मोबाईल के ज़माने में तो ये कॉल कभी भी कहीं भी आ सकते हैं...फोन अटेंड कर लिया तो समझिये खैर नहीं...इतने प्लान...इतनी स्कीमें...भगवान भला करे...आखिर इन्हें भी नौकरी करनी है... Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-86600402262085804122012-08-20T11:44:27.060+05:302012-08-20T11:44:27.060+05:30कोई भी कमेन्ट अगर जेंडर बायस से लिप्त हैं उसको हटा...कोई भी कमेन्ट अगर जेंडर बायस से लिप्त हैं उसको हटा देना ब्लॉग मालिक को आना चाहिये <br />राजेश उत्साही जी बात को समझे और ध्यान दे <br />हास्य और विनोद और फूहड़ और जाहिल में अंतर करना कम से कम आप को आता ही होना चाहिये , व्यंग और सटायर का अर्थ अगर जेंडर बायस हैं तो वो मंजूर नहीं किया जा सकता हैं रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-89489595601377398382012-08-20T10:33:39.175+05:302012-08-20T10:33:39.175+05:30अमित जी, जिस अजाब का आपने जिक्र किया, उससे महीने म...अमित जी, जिस अजाब का आपने जिक्र किया, उससे महीने में दो चार बार अपना साबका भी होता रहता है। बहरहाल... जिस टिप्पणी की बात हो रही है,वह तो अब भी मौजूद है। बेहतर होगा कि उसे हटा दिया जाए। राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-67024585844446005862012-08-20T09:49:41.409+05:302012-08-20T09:49:41.409+05:30आपकी आपत्ति से मै सहमत हूँ | वह टिप्पणी पूर्णतया व...आपकी आपत्ति से मै सहमत हूँ | वह टिप्पणी पूर्णतया विनोद भाव में थी , फिर भी मैंने हटा दी |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-950678699359701162012-08-20T09:19:58.111+05:302012-08-20T09:19:58.111+05:30आप के ब्लॉग पर जिस प्रकार के कमेन्ट ब्लॉग लेखिकाओ ...आप के ब्लॉग पर जिस प्रकार के कमेन्ट ब्लॉग लेखिकाओ के लिये आ रहे हैं और जिस प्रकार आप उनका अनुमोदन कर रहे हैं और नंबर मांग रहे हैं आप को याद दिलाना उचित समझती हूँ की आप जेंडर बायस को बढ़ावा दे रहे हैं <br />इस अशोभनिये भाषा का में निंदा करती हूँ और आपत्ति दर्ज कराती हूँ<br />रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-13796652423121228172012-08-20T00:39:13.708+05:302012-08-20T00:39:13.708+05:30कंपनियों का अच्छा प्लान जो यक़ीनन कुचक्र ही कहा जा...कंपनियों का अच्छा प्लान जो यक़ीनन कुचक्र ही कहा जा सकता है ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-4161333036209403982012-08-19T23:04:01.916+05:302012-08-19T23:04:01.916+05:30बढ़िया है ...
:)बढ़िया है ...<br />:)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-13137530424305855412012-08-19T21:29:56.011+05:302012-08-19T21:29:56.011+05:30आपकी सलाह बहुत काम आयेगी..आपकी सलाह बहुत काम आयेगी..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-21699701800034627072012-08-19T19:12:33.555+05:302012-08-19T19:12:33.555+05:30क्या करे बेचारे,, जॉब की खातिर करना पड़ता है..
जाद...क्या करे बेचारे,, जॉब की खातिर करना पड़ता है..<br />जादा परेशानी हो इन फोन कॉल से तो सर जी,,,<br /> डी एन दी ( do not disturb ) लगवा दीजिये <br />customer care me phone karke...<br />:-):-) :-) :-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-56497849210598873702012-08-19T15:32:49.692+05:302012-08-19T15:32:49.692+05:30क्या सत्य लिख डाला....आँखों के सामने न जाने कितने ...क्या सत्य लिख डाला....आँखों के सामने न जाने कितने दृश्य और कानों में कितनी आवाजें आ- जा रही हैं.....Raginihttps://www.blogger.com/profile/18060074016004549022noreply@blogger.com