tag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post7799881429091217699..comments2024-02-17T14:31:07.181+05:30Comments on "बस यूँ ही " .......अमित: " संबंध अवैध होते है, संतान नहीं........"amit kumar srivastavahttp://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-31823527688404648372012-07-29T18:38:09.528+05:302012-07-29T18:38:09.528+05:30विशुद्ध प्रेम और सम्बन्ध को फिर से परिभाषित करने क...विशुद्ध प्रेम और सम्बन्ध को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता नहीं है .समय-समय पर ये खुद ही खुल कर बता देते हैं..फिर इस पर क्या विमर्श..?Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-33324390659301498272012-07-29T18:03:00.335+05:302012-07-29T18:03:00.335+05:30दोष तो स्त्री पुरुष दोनों का होता है, जब इस तरह के...दोष तो स्त्री पुरुष दोनों का होता है, जब इस तरह के मामले होते हैं, किसी एक को दोष देना उचित नहीं. तिवारी जी बहुत ही संवेदनशील इंसान है ये तो विपक्षी भी जानते हैं. रोहित की माँ से बिना प्रेम के रिश्ता बना न होगा. हाँ ये अवश्य है कि परिणति में इतनी जगहँसाई होगी इसका अनुमान न रहा होगा. इस सच को सभी जानते थे कि तिवारी जी का ही बेटा रोहित है, ऐसे में इतना तमाशा करना ही नहीं चाहिए था. तिवारी जी खुद स्वीकार कर लेते तो अच्छा था. परन्तु चुकी रोहित की माँ विवाहित थी और परिस्थितियाँ संदिग्ध थीं तो उनके बेटे को अपना बेटा मानना तिवारी जी के लिए भी कठिन रहा होगा. इस लिए इस डी.एन.ए टेस्ट से ये साबित हुआ कि तिवारी जी का ही बेटा है, ऐसे में अब शक कि कोई गुंजाइश न रही. एक बात और है कि इस घटना से अन्य नेता कुछ तो सबक लेंगे.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-28704191176898700472012-07-28T19:36:36.664+05:302012-07-28T19:36:36.664+05:30bado ki galti, khushi, dukh, maan, apmaan sabka bo...bado ki galti, khushi, dukh, maan, apmaan sabka bojh bacchon ko hi milta hai....prakartik niyam hai...jinhe badalna ho sakta hai lekin us se pahle is samaaj k niyamo ka ulanghan karna padega.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-69823362991082251352012-07-28T19:31:40.212+05:302012-07-28T19:31:40.212+05:30दोष तो प्रकृति का है, मानव तो उसी के बस में हैं, स...दोष तो प्रकृति का है, मानव तो उसी के बस में हैं, समाज के नियम काश इतने कठोर न होते।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-66716173798112036632012-07-28T17:44:46.702+05:302012-07-28T17:44:46.702+05:30ऐसे संबंधो से होने वाले बच्चे ताउम्र ...बिन वजह तक...ऐसे संबंधो से होने वाले बच्चे ताउम्र ...बिन वजह तकलीफ से गुजरते हैं ...सटीक लेखन का परिचय दिया हैं आपनेAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-66987249436783846832012-07-28T12:37:50.880+05:302012-07-28T12:37:50.880+05:30बहुत ही सार्थक लेख ... पर कम अक्ल सोचते नहींबहुत ही सार्थक लेख ... पर कम अक्ल सोचते नहींरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-77864862238104517472012-07-28T11:28:42.007+05:302012-07-28T11:28:42.007+05:30http://pushymitr.blogspot.in/2012/07/blog-post_27....http://pushymitr.blogspot.in/2012/07/blog-post_27.htmlरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-17368160683227334732012-07-28T11:19:13.791+05:302012-07-28T11:19:13.791+05:30इस कथा के बहुत से अनसुलझे पहलु हैं
जैसे शेखर के ना...इस कथा के बहुत से अनसुलझे पहलु हैं<br />जैसे शेखर के नाना की अपनी जिन्दगी<br />उनके राजनीती के दांव पेच पर अपनी बेटी का इस्तमाल अपने फायदे के लिये<br />बेटी की सौतेली माँ<br />बेटी के पति के दूसरे सम्बन्ध बेटी के ही मायके में<br />ये लम्बी लड़ाई थी उस बेटे की जो अपने पिता को नाजायज कहलाना चाहता था जो परिभाषा बदलना चाहता था नाजायज़ शब्द की<br />और क़ोई भी रिश्ता नाजायज़ नहीं होता हैं अगर वो बिना किसी स्वार्थ के बने .<br />शेखर की माने तो उसका जन्म तिवारी को संतान देने के लिये एक सुनियोजित साजिश थी अब साजिश थी तो विलेन केवल तिवारी ही नहीं थे<br />शेखर के सब संबंधी थे जिन्होने उसका आना नियोजित और प्रायोजित किया था अपने अपने स्वार्थ के लिये<br />नाना का स्वार्थ , नानी का स्वार्थ , माँ का स्वार्थ , तिवारी का स्वार्थ इत्यादि<br />कितना अजीब हैं नियति का चक्र की निसंतान तिवारी को बच्चा मिला लेकिन सुख नहीं मिला और जिस बच्चे के लिये उन्होने ये सारा खेल रचा वो ही उस खेल को सामने लायारचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-57991966777249108222012-07-28T11:10:08.438+05:302012-07-28T11:10:08.438+05:30रोहित शेखर के मामले में जितना दोष उसके पिता का है ...रोहित शेखर के मामले में जितना दोष उसके पिता का है उससे कहीं अधिक दोष उसकी माँ का भी है ,<br /><br />ji nahin dono kaa barabar haenरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-41812479488125095162012-07-28T10:46:35.802+05:302012-07-28T10:46:35.802+05:30सच कहा बड़ो की गलती की सजा मासूम बंच्चो को ही मि...सच कहा बड़ो की गलती की सजा मासूम बंच्चो को ही मिलती है जिसमें उनका कोई दोष नहीं होता...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-76600384252182243102012-07-28T08:42:56.504+05:302012-07-28T08:42:56.504+05:30अस्वीकारने में लाभ अधिक था | स्वीकारते तो पद और सत...अस्वीकारने में लाभ अधिक था | स्वीकारते तो पद और सत्ता दोनों जाती | अब उनके पास खोने को कुछ नहीं है |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-56167620953530191772012-07-28T08:09:02.564+05:302012-07-28T08:09:02.564+05:30बात ठीक है -मगर दोष तिवारी का ज्यादा है -समझ में न...बात ठीक है -मगर दोष तिवारी का ज्यादा है -समझ में नहीं आता उन्होंने रोहित को क्यों नहीं स्वीकार किया ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-41618020113303804702012-07-27T22:59:17.776+05:302012-07-27T22:59:17.776+05:30विचारणीय..... ऐसी संबंधों का दंश बच्चों को झेलना प...विचारणीय..... ऐसी संबंधों का दंश बच्चों को झेलना पड़ता है..... जो हर तरह से दुखद है.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-6904139346989432172012-07-27T22:49:26.023+05:302012-07-27T22:49:26.023+05:30bahut hi marmik rahi aapki yah rachna ..sach me aj...bahut hi marmik rahi aapki yah rachna ..sach me ajanme ka kya dosh .....? yah to aaj ka sabse wada sawal hai .shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.com