tag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post5174233193910273859..comments2024-02-17T14:31:07.181+05:30Comments on "बस यूँ ही " .......अमित: "क्यों ना हो जाएं ’ट्रांसफ़ार्मर’ सरीखे हम"amit kumar srivastavahttp://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-62827421409165997312013-03-17T14:23:25.517+05:302013-03-17T14:23:25.517+05:30बिलकुल की जा सकती है ......बस आदत बनाने की बात है....बिलकुल की जा सकती है ......बस आदत बनाने की बात है... हाँ ... धैर्य बहुत होना चाहिए !!बहुत अच्छी तरह समझाया आपने ...!!<br />सार्थक आलेख ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-6598837130613933942011-04-28T08:40:42.806+05:302011-04-28T08:40:42.806+05:30आजकल गर्मी में ट्रांसफ़ार्मर के उड़ने का खतरा भी बहु...आजकल गर्मी में ट्रांसफ़ार्मर के उड़ने का खतरा भी बहुत रहता है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-23994126175240495092011-04-08T16:24:21.595+05:302011-04-08T16:24:21.595+05:30काश ऐसा हो पाता ...।काश ऐसा हो पाता ...।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-18743135569290268632011-04-08T08:23:00.915+05:302011-04-08T08:23:00.915+05:30ट्रांसफार्मर और मनुष्य की ऐसी समानता तो पहली-2 बार...ट्रांसफार्मर और मनुष्य की ऐसी समानता तो पहली-2 बार जेहन में आई. <br />कभी कभी ओवरलोड से ट्रांसफार्मर फूट भी जाता है. तो मनुष्य को ओवरलोड से भी बचना चाहिए. लोड बैलेंसिंग भी चाहिए, ताकि ज्यादा दिन जिए.. इत्यादि बहुत सी समानताएँ देखने को मिल रही हैं सोचने पर.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-12779400651490121202011-04-07T23:03:26.039+05:302011-04-07T23:03:26.039+05:30एक ट्रांस्फ़ार्मर वो भी है जो खिलौना कार से आदमी ब...एक ट्रांस्फ़ार्मर वो भी है जो खिलौना कार से आदमी बन जाता है... आज कुछ कुछ आदमी वैसा ही बनता जा रहा है :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-62105756623781462482011-04-07T21:42:11.196+05:302011-04-07T21:42:11.196+05:30यह व्यवहार कठिन है।यह व्यवहार कठिन है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8505231129291060059.post-80597100222914399772011-04-07T21:24:35.796+05:302011-04-07T21:24:35.796+05:30.
अमित जी ,
बहुत बढ़िया बात कही आपने । काश ये सं....<br /><br />अमित जी ,<br /><br />बहुत बढ़िया बात कही आपने । काश ये संभव हो सकता की हम अपने अंदर ट्रांसफोर्मर जैसा कुछ कर सकते और बहुत कुछ आत्मसात अथवा परिष्कृत होते हुए बाहर आने देते , तो बहुत सी समस्याओं के हल मिल जाते ।<br /><br />शायद अपने अहम् पर नियंत्रण रखकर ऐसा कुछ किया जाना संभव हो सके। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com